
श्रीमती इंदिरा गाँधी पर निबंध | Essay on Indira Gandhi in Hindi! श्रीमती इंदिरा गाँधी एक महान राजनेत्री के साथ ही दृढ़ चरित्र की महिला थीं जिसके लिए वह केवल भारत में ही Estimated Reading Time: 3 mins In hindi essay on indira gandhi Indira Gandhi Essay, we shall be talking about her personality and the landmark decisions she took as the topmost leader of the country which has an impact even in the 21st century. 8th class hindi model paper essay 2 Sep 01, · Short Essay on Indira Gandhi in Hindi इंदिरा गांधी पर निबंध. श्री मती इंदिरा गांधी जी का जन्म 19 नवम्बर ई: को इलाहाबाद के आनंद भवन में हुआ था। उनके पिता जी पंडित जवाहरलाल नेहरु जी थे जो भारत के नेता थे और माता का नाम
इंदिरा गांधी पर निबंध | Essay on Indira Gandhi in Hindi [+ Words]
इन्दिरा प्रियदर्शिनी गाँधी जन्म उपनाम: नेहरू 19 नवंबर 31 अक्टूबर वर्ष से तक लगातार 3 पारी के लिए भारत गणराज्य की प्रधानमन्त्री रहीं और उसके बाद चौथी पारी में से लेकर में उनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। वे भारत की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं।. इन्दिरा का जन्म 19 नवम्बर को राजनीतिक रूप से प्रभावशाली नेहरू परिवार में हुआ था। [1] इनके पिता जवाहरलाल नेहरू और इनकी माता कमला नेहरू थीं। इन्दिरा को उनका "गांधी" उपनाम फिरोज़ गाँधी से विवाह के पश्चात मिला था। [2] इनका मोहनदास करमचंद गाँधी से न तो खून का और न ही शादी के द्वारा कोई रिश्ता था। इनके पितामह मोतीलाल नेहरू एक प्रमुख भारतीय essay on indira gandhi in hindi नेता थे। इनके पिता जवाहरलाल नेहरू भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के एक प्रमुख व्यक्तित्व थे और आज़ाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री रहे।.
ऑक्सफोर्ड से वर्ष में भारत वापस आने के बाद वे भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में शामिल हो गयीं। के दशक में वे अपने पिता के भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान गैरसरकारी तौर पर एक निजी सहायक के रूप में उनके सेवा में रहीं। अपने पिता की मृत्यु के बाद सन् में उनकी नियुक्ति एक राज्यसभा सदस्य के रूप में हुई। इसके बाद वे लालबहादुर शास्त्री के मंत्रिमंडल में सूचना और प्रसारण मत्री बनीं। [4].
लालबहादुर शास्त्री के आकस्मिक निधन के बाद तत्कालीन काँग्रेस पार्टी अध्यक्ष के. कामराज इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बनाने में निर्णायक रहे। गाँधी ने शीघ्र ही चुनाव जीतने के साथ-साथ जनप्रियता के माध्यम से विरोधियों के ऊपर हावी होने की योग्यता दर्शायी। वह अधिक बामवर्गी आर्थिक नीतियाँ लायीं और कृषि उत्पादकता को बढ़ावा दिया। के भारत-पाक युद्ध में एक निर्णायक जीत के बाद की अवधि में अस्थिरता की स्थिती में उन्होंने सन् में आपातकाल लागू किया। उन्होंने एवं काँग्रेस पार्टी ने के आम चुनाव में पहली बार हार का सामना किया। सन् में सत्ता में लौटने के बाद वह अधिकतर पंजाब के अलगाववादियों के साथ बढ़ते हुए द्वंद्व में उलझी रहीं जिसमे आगे चलकर सन् में अपने ही अंगरक्षकों द्वारा उनकी राजनैतिक हत्या हुई।.
इन्दिरा का जन्म 19 नवंबरसन् में पंडित जवाहरलाल नेहरू और उनकी पत्नी कमला नेहरू के यहाँ हुआ। वे उनकी एकमात्र संतान थीं। नेहरू परिवार अपने पुरखों का खोंज जम्मू और कश्मीर तथा दिल्ली के ब्राह्मणों में कर सकते हैं। इंदिरा के पितामह मोतीलाल नेहरू उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से एक धनी बैरिस्टर थे। जवाहरलाल नेहरू पूर्व समय में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बहुत प्रमुख सदस्यों में से थे। उनके पिता मोतीलाल नेहरू भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक लोकप्रिय नेता रहे। इंदिरा के जन्म के समय महात्मा गांधी के नेतृत्व में जवाहरलाल नेहरू का प्रवेश स्वतन्त्रता आन्दोलन में हुआ।.
उनकी परवरिश अपनी माँ की सम्पूर्ण देखरेख में, जो बीमार रहने के कारण नेहरू परिवार के गृह सम्बन्धी कार्यों से अलग रही, होने से इंदिरा में मजबूत सुरक्षात्मक प्रवृत्तिओं के साथ साथ एक निःसंग व्यक्तित्व विकसित हुआ। उनके पितामह और पिता का लगातार राष्ट्रीय राजनीती में उलझते जाने ने भी उनके लिए साथिओं से मेलजोल मुश्किल कर दिया। उनकी अपनी बुओं पिता की बहनों के साथ जिसमे विजयाल्क्ष्मी पंडित भी थीं, मतविरोध रही और यह राजनैतिक दुनिया में भी चलती रही।.
इन्दिरा ने युवा लड़के-लड़कियों के लिए वानर सेना बनाई, essay on indira gandhi in hindi विरोध प्रदर्शन और झंडा जुलूस के साथ साथ कांगेस के नेताओं की मदद में संवेदनशील प्रकाशनों तथा प्रतिबंधित सामग्रीओं का परिसंचरण कर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में छोटी लेकिन उल्लेखनीय भूमिका निभाई थी। प्रायः दोहराए जानेवाली कहानी है कि उन्होंने पुलिस की नजरदारी में रहे अपने पिता के घर से बचाकर एक महत्वपूर्ण दस्तावेज, जिसमे दशक के शुरुआत की एक प्रमुख क्रांतिकारी पहल की योजना थी, को अपने स्कूलबैग के माध्यम से बहार उड़ा लिया था।.
सन् में उनकी माँ कमला नेहरू तपेदिक से एक लंबे संघर्ष के बाद अंततः स्वर्गवासी हो गईं। इंदिरा तब 18 वर्ष की थीं और इस प्रकार अपने बचपन में उन्हें कभी भी एक स्थिर पारिवारिक जीवन का अनुभव नहीं मिल पाया था। उन्होंने प्रमुख भारतीय, यूरोपीय तथा ब्रिटिश स्कूलों में अध्यन किया, जैसे शान्तिनिकेतनबैडमिंटन स्कूल और ऑक्सफोर्ड ।. महाद्वीप यूरोप और ब्रिटेन में रहते समय उनकी मुलाक़ात एक पारसी कांग्रेस कार्यकर्ता, essay on indira gandhi in hindi, फिरोज़ गाँधी से हुई और अंततः १६ मार्च १९४२ को आनंद भवन इलाहाबाद में एक निजी आदि धर्मं ब्रह्म-वैदिक समारोह में उनसे विवाह किया [6] ठीक भारत छोडो आन्दोलन की शुरुआत से पहले जब महात्मा गांधी और कांग्रेस पार्टी द्वारा चरम एवं पुरजोर राष्ट्रीय विद्रोह शुरू की गई। सितम्बर में वे ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार की गयीं और बिना कोई आरोप के हिरासत में डाल दिये गये थे। अंततः दिनों से अधिक जेल में essay on indira gandhi in hindi के बाद उन्हें १३ मई को रिहा किया गया। [7] में उन्होंने फिरोज गांधी के साथ राजीव गांधीऔर इसके दो essay on indira gandhi in hindi के बाद संजय गाँधी को जन्म दिया।.
सन् के भारत विभाजन अराजकता के दौरान उन्होंने शरणार्थी शिविरों को संगठित करने तथा पाकिस्तान से आये लाखों शरणार्थियों के लिए चिकित्सा सम्बन्धी देखभाल प्रदान करने में मदद की। उनके लिए प्रमुख सार्वजनिक सेवा का यह पहला मौका था।. गांधीगण बाद में इलाहाबाद में बस गये, जहाँ फिरोज ने एक कांग्रेस पार्टी समाचारपत्र और एक बीमा कंपनी के साथ काम किया। उनका वैवाहिक जीवन प्रारम्भ में ठीक रहा, लेकिन बाद में जब इंदिरा अपने पिता essay on indira gandhi in hindi पास नई दिल्ली चली गयीं, उनके प्रधानमंत्रित्व काल में जो अकेले तीन मूर्ति भवन में एक उच्च मानसिक दबाव के माहौल में जी रहे थे, essay on indira gandhi in hindi, वे उनकी विश्वस्त, सचिव और नर्स बनीं। उनके बेटे उसके साथ रहते थे, लेकिन वो अंततः फिरोज से स्थायी रूप से अलग हो गयीं, यद्यपि विवाहित का तगमा जुटा रहा।.
जब भारत का पहला आम चुनाव में समीपवर्ती हुआ, इंदिरा अपने पिता एवं अपने पती जो रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़रहे थे, दोनों के प्रचार प्रबंध में लगी रही। फिरोज अपने प्रतिद्वंदिता चयन के बारे में नेहरू से सलाह मशविरा नहीं किया था और यद्दपि वह निर्वाचित हुए, दिल्ली में अपना अलग निवास का विकल्प चुना। फिरोज ने बहुत ही जल्द एक राष्ट्रीयकृत बीमा उद्योग में घटे प्रमुख घोटाले को उजागर कर अपने राजनैतिक भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाकू होने की छबि को विकसित किया, essay on indira gandhi in hindi, जिसके परिणामस्वरूप नेहरू के एक सहयोगी, वित्त मंत्री, को इस्तीफा देना पड़ा।.
तनाव की चरम सीमा की स्थिति में इंदिरा अपने पती से अलग हुईं। हालाँकि सन् में उप-निर्वाचन के थोड़े समय के बाद फिरोज़ को दिल का दौरा पड़ा, जो नाटकीय ढ़ंग से उनके टूटे हुए वैवाहिक वन्धन को चंगा किया। कश्मीर में उन्हें स्वास्थोद्धार में साथ देते हुए उनकी परिवार निकटवर्ती हुई। परन्तु 8 सितम्बरको जब इंदिरा अपने पिता के साथ एक विदेश दौरे पर गयीं थीं, essay on indira gandhi in hindi, फिरोज़ की मृत्यु हुई।, essay on indira gandhi in hindi.
नेहरू का देहांत 27 मईको हुआ और इंदिरा नए प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के प्रेरणा पर चुनाव लड़ीं और तत्काल सूचना और प्रसारण मंत्री के लिए नियुक्त हो, सरकार में शामिल हुईं। हिन्दी के राष्ट्रभाषा बनने के मुद्दे पर दक्षिण के गैर हिन्दीभाषी राज्यों में दंगा छिड़ने पर वह चेन्नई गईं। वहाँ उन्होंने सरकारी अधिकारियों के साथ विचारविमर्श किया, समुदाय के नेताओं के गुस्से को प्रशमित किया essay on indira gandhi in hindi प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण प्रयासों की देखरेख की। शास्त्री एवं वरिष्ठ मंत्रीगण उनके इस तरह के प्रयासों की कमी के लिए शर्मिंदा थे। मंत्री गांधी के पदक्षेप सम्भवत सीधे शास्त्री के या अपने खुद के राजनैतिक ऊंचाई पाने के उद्देश्य से नहीं थे। कथित रूप से उनका मंत्रालय के दैनिक कामकाज में उत्साह का अभाव था लेकिन वो संवादमाध्यमोन्मुख तथा राजनीति और छबि तैयार करने के कला में दक्ष थीं।.
इन हस्तक्षेपों के परिणामों, essay on indira gandhi in hindi से कुछेक को उचित सामाजिक प्रगतिशील उपलब्धि माने जा सकते हैं, तथापि, अक्सर अंतर-जातीय क्षेत्रीय संघर्षों को तीव्रतर बनने के कारण बने जब के भारत-पाकिस्तान युद्ध चल रहा थाइंदिरा श्रीनगर सीमा क्षेत्र में उपस्थित थी। हालांकि सेना ने चेतावनी दी थी कि पाकिस्तानी अनुप्रवेशकारी शहर के बहुत ही करीब तीब्र गति से पहुँच चुके हैं, उन्होंने अपने को जम्मू या दिल्ली में पुनःस्थापन का प्रस्ताव नामंजूर कर दिया और उल्टे स्थानीय सरकार का चक्कर लगाती रहीं और संवाद माध्यमों के ध्यानाकर्षण को स्वागत किया। ताशकंद में सोवियत मध्यस्थता में पाकिस्तान के अयूब खान के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के कुछ घंटे बाद ही लालबहादुर शास्त्री का निधन हो गया।, essay on indira gandhi in hindi.
तब कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के. कामराज ने शास्त्री के आकस्मिक निधन के बाद इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री essay on indira gandhi in hindi में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।. लेकिन, जनवादी चीन गणराज्य से परमाणु खतरे तथा दो प्रमुख महाशक्तियों की दखलंदाजी में रूचि भारत की स्थिरता और सुरक्षा के लिए अनुकूल नहीं महसूस किए जाने के मद्दे नजर, essay on indira gandhi in hindi, गांधी का अब एक राष्ट्रीय परमाणु कार्यक्रम था। उन्होंने नये पाकिस्तानी राष्ट्रपति ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो को एक सप्ताह तक चलनेवाली शिमला शिखर वार्ता में आमंत्रित किया था। वार्ता के विफलता के करीब पहुँच दोनों राज्य प्रमुख ने अंततः शिमला समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत कश्मीर विवाद को वार्ता और शांतिपूर्ण ढंग से मिटाने के लिए दोनों देश अनुबंधित हुए।.
कुछ आलोचकों द्वारा नियंत्रण रेखा को एक स्थायी सीमा नहीं बानाने पर इंदिरा गांधी की आलोचना की गई जबकि कुछ अन्य आलोचकों का विश्वास था की पाकिस्तान के 93, युद्धबंदी भारत के कब्जे में होते हुए पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर को पाकिस्तान के कब्जे से निकाल लेना चाहिए था। लेकिन यह समझौता संयुक्त राष्ट्र तथा किसी तीसरे पक्ष के तत्काल हस्तक्षेप को निरस्त किया एवं निकट भविष्य में पाकिस्तान द्वारा किसी बड़े हमले शुरू किए जाने की सम्भावना को बहुत हद तक घटाया। भुट्टो से एक संवेदनशील मुद्दे पर संपूर्ण आत्मसमर्पण की मांग नहीं कर उन्होंने पाकिस्तान को स्थिर और सामान्य होने का मौका दिया।.
स्माइलिंग बुद्धा के अनौपचारिक छाया नाम से में भारत ने सफलतापूर्वक एक भूमिगत परमाणु परीक्षण राजस्थान के रेगिस्तान में बसे गाँव पोखरण के करीब किया। शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परीक्षण का वर्णन करते हुए भारत दुनिया की सबसे नवीनतम परमाणु शक्तिधर बन गया।. दस वर्षों तक चली यह कार्यक्रम गेहूं उत्पादन में अंततः तीनगुना वृद्धि तथा चावल में essay on indira gandhi in hindi लेकिन आकर्षणीय वृद्धि लायी; जबकि वैसे अनाजों के क्षेत्र में जैसे बाजराचना एवं मोटे अनाज क्षेत्रों एवं जनसंख्या वृद्धि के लिए समायोजन पर ध्यान रखते हुए कम या कोई वृद्धि नहीं हुई--फिर भी इन क्षेत्रों में एक अपेक्षाकृत स्थिर उपज बरकरार रहे।.
गाँधी की सरकार को उनकी के जबरदस्त जनादेश के बाद प्रमुख कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कांग्रेस पार्टी की आंतरिक संरचना इसके असंख्य विभाजन के फलस्वरूप कमजोर पड़ने से चुनाव में भाग्य निर्धारण के लिए पूरी तरह से उनके नेतृत्व पर निर्भरशील हो गई थी। गांधी का सन् की तैयारी में नारे का विषय था गरीबी हटाओ । यह नारा और प्रस्तावित गरीबी हटाओ कार्यक्रम का खाका, जो इसके साथ आया, गांधी को ग्रामीण और शहरी गरीबों पर आधारित एक स्वतंत्र राष्ट्रीय समर्थन देने के लिए तैयार किए गए थे। इस तरह उन्हें प्रमुख ग्रामीण जातियों के दबदबे में रहे राज्य और स्थानीय सरकारों एवं शहरी व्यापारी वर्ग को अनदेखा करने की अनुमति रही थी। और, अतीत में बेजुबां रहे गरीब के हिस्से, कम से कम राजनातिक मूल्य एवं राजनातिक भार, दोनों की प्राप्ति में वृद्धि हुई।.
गरीबी हटाओ के तहत कार्यक्रम, हालाँकि स्थानीय रूपसे चलाये गये, परन्तु उनका वित्तपोषण, विकास, पर्यवेक्षण एवं कर्मिकरण नई दिल्ली तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दल द्वारा किया गया। "ये कार्यक्रम केंद्रीय राजनैतिक नेतृत्व को समूचे देशभर में नये एवं विशाल संसाधनों के वितरित करने के मालिकाना भी प्रस्तुत किए गाँधी पर पहले से ही सत्तावादी आचरण के आरोप लग चुके थे। उनकी मजबूत संसदीय बहुमत का व्यवहार कर, उनकी सत्तारूढ़ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने संविधान में संशोधन कर केन्द्र और राज्यों के बीच के सत्ता संतुलन को बदल दिया था। उन्होंने दो बार विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों को "कानून विहीन तथा अराजक" घोषित कर संविधान के धारा के अंतर्गत राष्ट्रपति शासन लागु कर इनके नियंत्रण पर कब्जा किया था। इसके अलावा, संजय गाँधीजो निर्वाचित अधिकारियों की जगह पर गांधी के करीबी राजनैतिक सलाहकार बने थे, के बढ़ते प्रभाव पर, पि.
हक्सरउनकी क्षमता की ऊंचाई पर उठते समय, गाँधी के पूर्व सलाहाकार थे, ने अप्रसन्नता प्रकट की। उनके सत्तावाद शक्ति के उपयोग की ओर नये झुकाव को देखते हुए, जयप्रकाश essay on indira gandhi in hindiसतेन्द्र नारायण सिन्हा और आचार्य जीवतराम कृपालानी जैसे नामी-गिरामी व्यक्तिओं और पूर्व-स्वतंत्रता सेनानियों ने उनके तथा उनके सरकार के विरुद्ध सक्रिय प्रचार करते हुए भारतभर का दौरा किया।.
राज नारायण जो बार बार रायबरेली संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से लड़ते और हारते रहे थे द्वारा दायर एक चुनाव याचिका में कथित तौर पर भ्रष्टाचार आरोपों के आधार पर 12 जूनको इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इन्दिरा गांधी के लोक सभा चुनाव को रद्द घोषित कर दिया। इस प्रकार अदालत ने उनके विरुद्ध संसद का आसन छोड़ने तथा छह वर्षों के लिए चुनाव में भाग लेने पर प्रतिबन्ध का आदेश दिया। प्रधानमन्त्रीत्व के लिए लोक सभा भारतीय संसद के निम्न सदन या राज्य सभा संसद के उच्च सदन का सदस्य होना अनिवार्य है। इस प्रकार, यह निर्णय उन्हें प्रभावी रूप से कार्यालय से पदमुक्त कर दिया।.
जब गांधी ने फैसले पर अपील की, राजनैतिक पूंजी हासिल करने को उत्सुक विपक्षी दलों और उनके समर्थक, उनके इस्तीफे के लिए, सामूहिक रूप से चक्कर काटने लगे। ढेरों संख्या में यूनियनों और विरोधकारियों द्वारा किये गये हरताल से कई राज्यों में essay on indira gandhi in hindi ठप्प पड़ गया। इस आन्दोलन को मजबूत करने के लिए, जयप्रकाश नारायण ने पुलिस को निहत्थे भीड़ पर सम्भब्य गोली चलाने के आदेश का उलंघन करने के लिये आह्वान किया। कठिन आर्थिक दौर के साथ साथ जनता की उनके सरकार से मोहभंग होने से विरोधकारिओं के विशाल भीड़ ने संसद भवन तथा दिल्ली में उनके निवास को घेर लिया और उनके इस्तीफे की मांग करने लगे।.
गाँधी ने व्यवस्था को पुनर्स्थापित करने के पदक्षेप स्वरुप, essay on indira gandhi in hindi, अशांति मचानेवाले ज्यादातर विरोधियों के गिरफ्तारी का आदेश दे दिया। तदोपरांत उनके मंत्रिमंडल और सरकार द्वारा इस बात की सिफारिश की गई की राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद फैले अव्यवस्था और अराजकता को देखते हुए आपातकालीन स्थिति की घोषणा करें। तदनुसार, अहमद ने आतंरिक अव्यवस्था के मद्देनजर 26 जून को संविधान की धारा- के प्रावधानानुसार आपातकालीन स्थिति की घोषणा कर दी।.
कुछ ही महीने के भीतर दो विपक्षीदल शासित राज्यों गुजरात और तमिल नाडु पर राष्ट्रपति शासन थोप दिया गया जिसके फलस्वरूप पूरे देश को प्रत्यक्ष केन्द्रीय शासन के अधीन ले लिया गया। [14] पुलिस को कर्फ़्यू लागू करने तथा नागरिकों को अनिश्चितकालीन रोक रखने की क्षमता सौंपी गयी एवं सभी प्रकाशनों को सूचना तथा प्रसारण मंत्रालय के पर्याप्त सेंसर व्यवस्था के अधीन कर दिया गया। इन्द्र कुमार गुजरालएक भावी प्रधानमंत्री, ने खुद अपने काम में संजय गांधी की दखलंदाजी के विरोध में सूचना और प्रसारण मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया। अंततः आसन्न विधानसभा चुनाव अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिए गए तथा सम्बंधित राज्य के राज्यपाल की सिफारिश पर राज्य सरकार की बर्खास्तगी के संवैधानिक प्रावधान के अलोक में सभी विपक्षी शासित राज्य सरकारों को हटा दिया गया।.
फिर भी राज्यों में स्थिरता नहीं रखी जा सकी यह भी आरोपित होता है कि वह आगे राष्ट्रपति अहमद के समक्ष वैसे आध्यादेशों के जारी करने का प्रस्ताव पेश की जिसमे संसद में बहस होने की जरूरत न हो और उन्हें आदेश आधारित शासन की अनुमति रहे।. साथ ही साथ, गांधी की सरकार ने प्रतिवादिओं को उखाड़ फेंकने तथा हजारों के तादाद में राजनीतिक कार्यकर्ताओं के गिरिफ्तारी और आटक रखने का एक अभियान प्रारम्भ किया; जग मोहन के पर्यवेक्षण में, जो की बाद में दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर रहे, जामा मस्जिद के आसपास बसे बस्तियों के हटाने में संजय का हाथ रहा जिसमे कथित तौर पर हजारों लोग बेघर हुए और सैकड़ों मारे गये और इस तरह देश की राजधानी के उन भागों में सांप्रदायिक कटुता पैदा कर दी; और हजरों पुरुषों पर बलपूर्वक नसबंदी का परिवार नियोजन कार्यक्रम चलाया गया, जो प्रायश: बहुत निम्नस्तर से लागु किया गया था।.
मतदाताओं को उस शासन को मंज़ूरी देने का एक और मौका देने के लिए गाँधी ने में चुनाव बुलाए। भारी सेंसर लगी प्रेस उनके बारे में जो लिखती थी, शायद उससे गांधी अपनी लोकप्रियता का हिसाब निहायत ग़लत लगायी होंगी। वजह जो भी रही हो, वह जनता दल से बुरी तरह से हार गयीं। लंबे essay on indira gandhi in hindi से उनके प्रतिद्वंद्वी रहे देसाई के नेतृत्व तथा जय प्रकाश नारायण के आध्यात्मिक मार्गदर्शन में जनता दल ने भारत के पास "लोकतंत्र और तानाशाही" के बीच चुनाव का आखरी मौका दर्शाते हुए चुनाव जीत लिए। इंदिरा और संजय गांधी दोनों ने अपनी सीट खो दीं और कांग्रेस घटकर सीटों में सिमट गई पिछली लोकसभा में की तुलना में जिसमे 92 दक्षिण से थीं।.
देसाई प्रधानमंत्री बने और के सरकारी पसंद नीलम संजीव रेड्डी गणतंत्र के राष्ट्रपति बनाये गए। गाँधी को जबतक के उप -चुनाव में जीत नहीं हासिल हुई, उन्होंने अपने आप को कर्महीन, आयहीन और गृहहीन पाया। १९७७ के चुनाव अभियान में कांग्रेस पार्टी का विभाजन हो गया: जगजीवन राम जैसे समर्थकों ने उनका साथ छोड़ दिया। कांग्रेस गांधी दल अब संसद में आधिकारिक तौर पर विपक्ष होते हुए एक बहुत छोटा समूह रह गया था।.
गठबंधन के विभिन्न पक्षों में आपसी लडाई में लिप्तता के चलते शासन में असमर्थ जनता सरकार के गृह मंत्री चौधरी चरण सिंह कई आरोपों में इंदिरा गाँधी और संजय गाँधी को गिरफ्तार करने के essay on indira gandhi in hindi दिए, essay on indira gandhi in hindi, जिनमे से कोई एक भी भारतीय अदालत में साबित करना आसन नहीं था। इस गिरफ्तारी का मतलब था इंदिरा स्वतः ही संसद से निष्कासित हो गई। परन्तु यह रणनीति उल्टे अपदापूर्ण बन गई। उनकी गिरफ्तारी और लंबे समय तक चल रहे मुकदमे से उन्हें बहुत से वैसे लोगों से सहानुभूति मिली जो सिर्फ दो वर्ष पहले उन्हें तानाशाह समझ डर गये थे।.
जनता गठबंधन सिर्फ़ श्रीमती गांधी या "वह औरत" जैसा कि कुछ लोगोने उन्हें कहा की नफरत से एकजुट हुआ था। छोटे छोटे साधारण मुद्दों पर आपसी कलहों में सरकार फंसकर रह गयी थी और गांधी इस स्थिति का उपयोग अपने पक्ष में करने में सक्षम थीं। उन्होंने फिर से, आपातकाल के दौरान हुई "गलतियों" के लिए कौशलपूर्ण ढंग से क्षमाप्रार्थी होकर भाषण देना प्रारम्भ कर दिया। जून में देसाई ने इस्तीफा दिया और श्रीमती गांधी द्वारा वादा किये जाने पर कि कांग्रेस बाहर से उनके सरकार का समर्थन करेगी, रेड्डी के द्वारा चरण सिंह प्रधान मंत्री नियुक्त किए गये।.
इंदिरा गाँधी को - लेनिन शान्ति पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया था।. गांधी के बाद के वर्ष पंजाब समस्याओं से जर्जर थे। सितम्बर में जरनैल सिंह भिंडरावाले का अलगाववादी सिख आतंकवादी समूह सिख धर्म के पवित्रतम तीर्थ, हरिमन्दिर साहिब परिसर के भीतर तैनात हो गया। स्वर्ण मंदिर परिसर में हजारों नागरिकों की उपस्थिति के बावजूद गांधी ने आतंकवादियों का सफया करने के एक प्रयास में सेना को धर्मस्थल में प्रवेश करने का आदेश दिया। सैन्य और नागरिक हताहतों की संख्या के हिसाब में भिन्नता है। सरकारी अनुमान है चार अधिकारियों सहित उनासी सैनिक और आतंकवादी; अन्य हिसाब के अनुसार, संभवत या अधिक सैनिक एवं अनेक तीर्थयात्रियों सहित अन्य लोग गोलीबारी में फंसे.
उनके अन्य अंगरक्षकों द्वारा बेअंत सिंह को गोली मार दी गई और सतवंत सिंह को गोली मारकर गिरफ्तार कर लिया गया।. गांधी को उनके सरकारी कार में अस्पताल पहुंचाते पहुँचाते रास्ते में ही दम तोड़ दीं थी, लेकिन घंटों तक उनकी मृत्यु घोषित नहीं की गई। उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में लाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उनका ऑपरेशन किया। उस वक्त के सरकारी हिसाब 29 प्रवेश और निकास घावों को दर्शाती है, तथा कुछ बयाने 31 बुलेटों के उनके शरीर से निकाला जाना बताती है। उनका अंतिम संस्कार 3 नवंबर को राज घाट के समीप हुआ और यह जगह शक्ति स्थल के रूप में जानी गई। उनके मौत के बाद, नई दिल्ली के साथ साथ भारत के अनेकों अन्य शहरों, जिनमे कानपुर, आसनसोल और इंदौर शामिल हैं, में सांप्रदायिक अशांति घिर गई और हजारों सिखों के मौत दर्ज किये गये। गांधी के मित्र और जीवनीकार पुपुल जयकरऑपरेशन ब्लू स्टार लागू करने से क्या घटित हो सकती है इस सबध में इंदिरा के तनाव एवं पूर्व-धारणा पर आगे प्रकाश डालीं हैं।.
इन्दिरा ने फिरोज़ गाँधी से विवाह किया। [18] शुरू में संजय उनका वारिस चुना गया था, लेकिन एक उड़ान दुर्घटना में उनकी मृत्यु के बाद, उनकी माँ ने अनिच्छुक राजीव गांधी को पायलट की नौकरी परित्याग कर फरवरी में राजनीति में प्रवेश के लिए प्रेरित किया।.
इन्दिरा मृत्यु के बाद राजिव गांधी प्रधानमंत्री बनें। मई में उनकी भी राजनैतिक हत्या, इसबार लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम के आतंकवादियों के हाथों हुई। राजीव की विधवा, सोनिया गांधी ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन को के लोक सभा निर्वाचन में एक आश्चर्य चुनावी जीत का नेतृत्व दिया।.
सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री कार्यालय अवसर को अस्वीकार कर दिया लेकिन कांग्रेस की राजनैतिक उपकरणों पर उनका लगाम है; प्रधानमंत्री डॉ॰ मनमोहन सिंहजो पूर्व में वित्त मंत्री रहे, अब राष्ट्र के नेतृत्व में हैं। राजीव के संतान, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी राजनीति में प्रवेश कर चुके हैं। संजय गांधी की विधवा, मेनका गांधी - जिनका संजय essay on indira gandhi in hindi मौत के बाद प्रधानमंत्री के घर से बाहर निकाला जाना सर्वज्ञात है [19] - और साथ ही संजय के पुत्र, वरुण गांधी भी, राजनीति में मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी दल में सदस्य के रूप में सक्रिय हैं।, essay on indira gandhi in hindi.
मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से, essay on indira gandhi in hindi. इन्दिरा गांधी भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री. भारत की विदेश मंत्री. भारत की रक्षा मंत्री. भारत की गृहमंत्री. भारत की वित्त मंत्री. मुख्य लेख: उत्तर प्रदेश राज्य बनाम राज नारायण. मुख्य लेख: आपातकाल भारत. मुख्य लेख: ऑपरेशन ब्लू स्टार और इंदिरा गांधी की हत्या. She was the mother of every Indian essay on indira gandhi in hindi. Dainik Bhaskar. अभिगमन तिथि दे वा सं.
भारत के प्रधानमंत्रीगण. भारत रत्न सम्मानित. सर्वपल्ली राधाकृष्णन १९५४ चक्रवर्ती राजगोपालाचारी १९५४ चन्द्रशेखर वेङ्कट रामन् १९५४ भगवान दास १९५५ मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या १९५५ जवाहरलाल नेहरू १९५५ गोविन्द बल्लभ पन्त १९५७ धोंडो केशव कर्वे १९५८ बिधान चंद्र राय १९६१ पुरुषोत्तम दास टंडन १९६१ राजेन्द्र प्रसाद १९६२ ज़ाकिर हुसैन १९६३ पांडुरंग वामन काणे १९६३ लालबहादुर शास्त्री १९६६ इन्दिरा गांधी १९७१ वी॰ वी॰ गिरि १९७५ के.
कामराज १९७६ मदर टेरेसा १९८० विनोबा भावे १९८३ ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान १९८७ मारुदुर गोपालन रामचन्द्रन १९८८ भीमराव अम्बेडकर १९९० नेल्सन मंडेला १९९० राजीव गांधी १९९१ वल्लभ भाई पटेल १९९१ मोरारजी देसाई १९९१ मौलाना अबुल कलाम आज़ाद १९९२ जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा १९९२ सत्यजित राय १९९२ अब्दुल कलाम १९९७ गुलज़ारीलाल नन्दा १९९७ अरुणा असाफ़ अली १९९७ एम॰ एस॰ सुब्बुलक्ष्मी १९९८ चिदम्बरम् सुब्रह्मण्यम् १९९८ जयप्रकाश नारायण १९९८ रवि शंकर १९९९ अमर्त्य सेन १९९९ गोपीनाथ बोरदोलोई १९९९ लता मंगेशकर २००१ उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ाँ २००१ भीमसेन जोशी २००८ सचिन तेंदुलकर २०१३ सी॰ एन॰ आर॰ राव २०१३ अटल बिहारी वाजपेयी २०१४ मदन मोहन मालवीय २०१४, essay on indira gandhi in hindi.
भारत की पहली महिलाएँ. अधिकारी - बेनो जेफीन. प्राधिकरण नियंत्रण वर्ल्डकैट वी॰आई॰एफ॰ए॰ essay on indira gandhi in hindi एल॰सी॰सी॰एन॰ : n आई॰एस॰एन॰आई : जी॰एन॰डी॰ : सेलाइबर : Trove : [2] एस॰यू॰डी॰ओ॰सी॰ : बी॰एन॰एफ॰ : cbj आँकड़े BIBSYS : एन॰एल॰ए॰ : एन॰डी॰एल॰ : एन॰के॰सी॰ : mzk बी॰एन॰ई॰ : XX Essay on indira gandhi in hindi : DAX.
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पुस्तक बनायें पीडीएफ़ रूप डाउनलोड करें प्रिन्ट करने लायक, essay on indira gandhi in hindi. विकिमीडिया कॉमन्स विकिसूक्ति. भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री. पद बहाल 14 जनवरी — 31 अक्टूबर नीलम संजीव रेड्डी ज्ञानी जैल सिंह. चौधरी चरण सिंह. राजीव गाँधी. पद बहाल 24 जनवरी — 24 मार्च सर्वपल्ली राधाकृष्णन ज़ाकिर हुसैन वराहगिरी वेंकट गिरी कार्यवाहक मोहम्मद हिदायतुल्ला कार्यवाहक वराहगिरी वेंकट गिरी फ़ख़रुद्दीन अली अहमद बासप्पा दनप्पा जत्ती कार्यवाहक.
मोरारजी देसाई. गुलजारीलाल नन्दा कार्यवाहक. पद बहाल 9 मार्च — essay on indira gandhi in hindi अक्टूबर नरसिंह राव. पद बहाल 22 अगस्त — 14 मार्च महोम्मेदाली करीम चागला. दिनेश सिंह. पद बहाल 14 जनवरी — 15 जनवरी चिदम्बरम् सुब्रह्मण्यम्. रामस्वामी वेंकटरमण. पद बहाल 30 नवम्बर — 20 दिसम्बर सरदार स्वर्ण सिंह. बंसी लाल. पद बहाल 27 जून — 4 फ़रवरी यशवंतराव चौहान.
उमाशंकर दीक्षित.
इंदिरा गाँधी जी पर निबन्ध - Essay on Indira Gandhi In Hindi
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Essay on Indira Gandhi: इंदिरा गांधी पर हिन्दी में निबंध. Short Biography In Hindi; Hindi Essay On Indira Gandhi;Estimated Reading Time: 5 mins श्रीमती इंदिरा गाँधी पर निबंध | Essay on Indira Gandhi in Hindi! श्रीमती इंदिरा गाँधी एक महान राजनेत्री के साथ ही दृढ़ चरित्र की महिला थीं जिसके लिए वह केवल भारत में ही Estimated Reading Time: 3 mins Essay Of Indira Gandhi In Hindi Have your paper edited by your writer as many times as you need, until it’s perfect. On-Time Delivery. Very well done! The paper includes everything I need. It doesn’t matter whether you need your paper done in a week or by tomorrow – either way, we’ll be able to meet/10()
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